कच्चाथीवू द्वीप विवाद: विवरण जानें
/ Study / कच्चाथीवू-द्वीप-विवाद-विवरण-जानें
कच्चाथीवू द्वीप विवाद फिर से उभर आया है, जिससे विवाद और बहस छिड़ गई है।
1. पृष्ठभूमि:
•कच्चाथीवू द्वीप भारत और श्रीलंका के बीच पाक जलडमरूमध्य में स्थित एक विवादित क्षेत्र है।
•1974 में, इंदिरा गांधी के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार ने एक समझौते के माध्यम से कच्चातिवु द्वीप श्रीलंका को सौंप दिया।
•यह द्वीप 1.9 वर्ग किलोमीटर में फैला है और भारतीय तट से लगभग 20 किलोमीटर दूर है।
•यह समुद्र के मध्य में स्थित है, दोनों देशों से समान दूरी पर है, और भारतीय तट से लगभग 33 किलोमीटर दूर है।
•द्वीप में एक ही संरचना है: सेंट एंथोनी नामक एक चर्च, जिसे 20वीं सदी में अंग्रेजों द्वारा बनाया गया था। भारत और श्रीलंका दोनों के पादरी इसके प्रशासन की देखरेख करते हैं।
2. ऐतिहासिक संदर्भ:
•कच्चाथीवू द्वीप 14वीं सदी में ज्वालामुखी विस्फोट से उभरा था।
•मध्ययुगीन काल के दौरान शुरुआत में इस पर श्रीलंका के जाफना साम्राज्य का कब्जा था।
•बाद में, 17वीं शताब्दी में नियंत्रण रामनाद जमींदारी पर स्थानांतरित हो गया।
•अपने प्रचुर मछली संसाधनों के कारण, भारत और श्रीलंका दोनों ने 1921 में मछली पकड़ने की गतिविधियों को विनियमित करने के लिए इस द्वीप पर दावा किया।
•एक सर्वेक्षण में कच्चाथीवू को श्रीलंका का हिस्सा घोषित किया गया, लेकिन भारत ने इस पर अपना स्वामित्व जताना जारी रखा।
3. विवादास्पद समझौता:
•1974 में, भारत-श्रीलंकाई समुद्री समझौते के तहत, प्रधान मंत्री इंदिरा गांधी ने कच्चातिवु को श्रीलंकाई क्षेत्र के रूप में स्वीकार किया।
•इस कदम का उद्देश्य श्रीलंका के साथ भारत के संबंधों को मजबूत करना है।
•हालाँकि, यह निर्णय विवादास्पद बना हुआ है, हाल की राजनीतिक चर्चाओं ने इस बहस को फिर से हवा दे दी है।
•प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कच्चातिवु को श्रीलंका को देने के लिए कांग्रेस की आलोचना की है।
•तमिलनाडु की डीएमके सरकार लगातार इस द्वीप को भारत में वापस लाने का आग्रह करती रहती है।
Q.भारत और श्रीलंका के बीच पाक जलडमरूमध्य में स्थित विवादित द्वीप का क्या नाम है?
उत्तर: कच्चाथीवू द्वीप
कच्चाथीवू द्वीप विवाद: विवरण जानें
India | |
Update About |